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Saturday, May 30, 2020

अब इससे ज्यादा और कितना गिरने की ख्वाहिश है

अब इससे ज्यादा और कितना गिरने की  ख्वाहिश है
इस मौके पर क्या करे आप लोगो को बुद्धिहीन मानकर आप  पर  शर्म करे या तुम्हे अधम मानकर तुमसे बगावत का एलान कर दे, विश्वास करो हमारे धैर्य का परीक्षा मत लो हमारे अंदर बहुत दया और मानवता है इसीलिये हम अब तक चुप बैठे है| यदि तुम सा स्वार्थी बनने का फैसला कर लिए तो झेल  नहीं पाओगे| हमारे देश जैसा नीच, क्रूर, घमंडी, पाखंडी  मध्यमवर्गीय लोग कही नहीं है |
हवाईजहाज से चलने वाले लोगो ने कोरोना वायरस को फैलाया| वो लोग जिनके  पास स्वस्थ्य बीमा और जीवन बीमा है सर्कार ने उनके लिए पूरे देश को बंद कर दिया| उसके बाद ताली, थाली और दिया जलवाकर समर्थन हासिल कर लिया और ये धन के ढेर पे बैठने वाले लोग बड़े ही आराम से खुद को बचाने के लिए लॉक डाउन  का समर्थन कर दिए| महज २०% लोगो की आबादी के लिए सर्कार ने पूरा देश बंद कर दिया पैसे वाले लोगो ने चुपचाप अपने बैंक बैलेंस को देखते हुए घर  में रहना पसंद किये|
इन प्रवासी मजदूरों को हमेश विकास का एक मशीन समझा गया| ये शहर में आते है इनके बस्तियों और झुग्गी झोपड़ियों को बड़े बड़े बिल्डरो के हवाले कर दिया जाता है| उसके बाद भी ये कर्मठी लोग और मेहनत कारक अपना गुजर बसर करने का जुगाड़ कर ही लेते है| सरकार के नजर अंदाजी का सिलसिला यही नहीं थमता है| सुन्दर सुन्दर सुविधाओं से लैश घरो के सामने भूख और बीमारी से बिलबिलाते बच्चो पर तरस करने वाला कोई नहीं होता है| कैसे मान ले हमें आजादी मिल गयी है आज भी हमारे सामने गुलामी का धंधा चल रहा है बस फर्क इतना है की हंटरमैन  थोड़ा और शातिर हो गया है इस हद तक की वो गुलामो को उसकी गुलामी का एहसास भी नहीं होने देता है| 

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