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Friday, May 29, 2020
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सब याद रखा जाएगा by Aamir Aziz
तुम स्याहियों से झूठ लिखोगे हमें मालूम है
हो हमारे खून से ही हो सही, सच जरूर लिखा जाएगा
सब याद रखा जाएगा
मोबाइल, टेलीफोन, इंटरनेट भरी दोपहर में बंद करके
सर्द अंधेरी रात में पूरे शहर को नजरबंद करके
हथौड़ियां लेकर दफअतन मेरे घर में घुस आना
मेरा सर बदन मेरी मुख्तसर सी जिंदगी को तोड़ जाना
मेरे लख्त-ए-जिगर को बीच में चौराहे पर मार कर
यूं बेअंदाज खड़े होकर झुंड में तुम्हारा मुस्कुराना
सब याद रखा जाएगा
सब कुछ याद रखा जाएगा
दिन में मीठी-मीठी बातें करना सामने से
सब कुछ ठीक है हर जुबां में तुतलाना
रात होते ही हक मांग रहे लोगों पर लाठियां चलाना, गोलियां चलाना
हम ही पर हमला करके हम ही को हमलावर बताना
सब याद रखा जाएगा
मैं अपनी हड्डियों पर लिखकर रखूंगा ये सारे वारदात
तुम जो मांगते हो मुझसे मेरे होने के कागजात
अपनी हस्ती का तुमको सबूत जरूर दिया जाएगा
ये जंग तुम्हारी आखिरी सांस तक लड़ा जाएगा
सब याद रखा जाएगा
ये भी याद रखा जाएगा कि किस तरह तुमने वतन को तोड़ने की साजिशें की
ये भी याद रखा जाएगा कि किस जतन से हमने वतन को जोड़ने की ख्वाहिशें की
जब कभी भी जिक्र आएगा जहां में दौर-ए-बुजदिली का तुम्हारा काम याद रखा जाएगा
जब कभी भी जिक्र आएगा जहां में दौर-ए-जिंदगी का हमारा नाम याद रखा जाएगा
कि कुछ लोग थे जिनके इरादे टूटे नहीं थे लोहे की हथौड़ियों से
कि कुछ लोग थे जिनके जमीर बिके नहीं थे इजारदारों की कौड़ियों से
कि कुछ लोग थे जो टिके रहे थे तूफान-ए-नू के गुजर जाने के बाद तक
कि कुछ लोग थे जो जिंदा रहे थे अपने मौत की खबर आने के बाद तक
भले भूल जाए पलक आंखों को मूंदना
भले भूले जमीं अपनी धूरी पर घूमना
हमारे कटे परों की परवाज को
हमारे फटे गले की आवाज को
याद रखा जाएगा
तुम रात लिखो, हम चांद लिखेंगे
तुम जेल में डालो, हम दीवार फांद लिखेंगे
तुम FIR लिखो, हम तैयार लिखेंगे
तुम हमें कत्ल कर दो, हम बनके भूत लिखेंगे, तुम्हारी कत्ल के सारे सबूत लिखेंगे
तुम अदालतों से बैठकर चुटकुले लिखो
हम सड़कों, दीवारों पर इंसाफ लिखेंगे
बहरे भी सुन लें, इतनी जोर से बोलेंगे
अंधे भी पढ़ लें, इतना साफ लिखेंगे
तुम काला कमल लिखो
हम लाल गुलाब लिखेंगे
तुम जमीं पर जुल्म लिख दो
आसमां पर इंकलाब लिखा जाएगा
सब याद रखा जाएगा
सब कुछ याद रखा जाएगा
ताकि तुम्हारे नाम पर ताउम्र लानतें भेजी जा सके
ताकि तुम्हारे मुजस्समों पर कालिखें पोती जा सके
तुम्हारे नाम तुम्हारे मुजस्समों को आबाद रखा जाएगा
सब याद रखा जाएगा
सब कुछ याद रखा जाएगा
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About Vivek Mishra
The Author has the Master Degree in technology and well experience in the core field.He is passionate about sharing the knowldegde and travelling at different places.
He is the fond of learning and implementing of technical skills.He is continue focus to teaching youth and help them to get a better career guide.
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